गुलज़ार शायरी l Gulzar Shayari


मिल गया होगा कोई गज़ब का हमसफ़र 
वरना मेरा यार यूं बदलने वाला नहीं था ।

Mil gaya hoga koi gajab ka hamsafar
Vrna Mera yar yu badalane vala nahi tha 

इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम ,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है ।

Ishq ki talash mai
Kyo nikalte ho tum,
Ishq khud talash leta hai
Jise barbad karna hota hai

शाम से आंख में नमी सी है 
आज फिर आपकी कमी सी है ।

Sham se ankh mai nami si hai
Aaj fir aapki kami si hai 

सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था 
तुम्हारे जैसे हजार मिलेंगे ।

Salon bad mile vo
Gale lagakar rone lage 
Jate vakt jisne kaha tha 
Tumhare jaise hajaro milenge 

 दबी-दबी सांसों में सुना था मैंने 
बोले बिना मेरा नाम आया ।
पलकें झुकी और उठने लगी तो
हौले से उसका सलाम आया ।

Dabi-dabi sanso mai suna tha maine 
Bole bina mera naam aaya 
Palake zuki aur uthane lagi to
Hole se uska salam aaya 

वक्त कटता भी नहीं
वक्त रुकता भी नहीं ।
दिल है सजदे मैं मगर
इश्क़ झुकता भी नहीं ।

Vkat katata bhi nahi
Vakt rukata bhi nahi
Dil hai sajade mai magar
Ishq zukata bhi nahi

तुम्हें जिंदगी के उजाले मुबारक
अंधेरे हमें आज रास आ गए हैंं। 
तुम्हें पा के हम खुद से दूर हो गए थे
तुम्हें छोड़कर अपने पास आ गए हैं ।

Tumhe jindagi ke ujale mubarak 
Andhere hame aaj ras aa gaye hai
Tumhe pa ke hum khud se dur ho gaye the 
Tumhe chod kar apne pas aa gaye hai

कोई वादा नही किया लेकिन
क्यों तेरा इंतज़ार रहता है l
बेवजह जब क़रार मिल जाए
दिल बड़ा बेकरार रहता है l

Koi vada nahi kiya lekin
Kyo tera intzaar rahata hai
Bevjah jab karar mil jaye 
Dil bada bekarar rehata hai

उम्मीद तो नही
फिर भी उम्मीद हो l
कोई तो इस तरह
आशिक़ शहीद हो l

Ummid to nahi
Fir bhi ummid ho
Koi to is tarah 
aashik shahid ho

तू समझता क्यूं नही है
दिल बड़ा गहरा कुआँ है l
आग जलती है हमेशा
हर तरफ धुआँ धुआँ है l

Tu samzata kyu nahi hai
Dil bada gahara kuaa hai
Aag jalti hai hamesha 
Har taraf dhua dhuaa hai

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